
जब कोई नई फिल्म रिलीज़ के करीब होती है, तो उसके प्रमोशन्स की गूंज हर जगह सुनाई देती है—टीवी शो, इंटरव्यू, सोशल मीडिया रील्स, इवेंट्स… लेकिन जब किसी फिल्म के चेहरे, मतलब उसके लीड एक्टर्स ही गायब हों, तो सवाल उठना लाज़मी है। ऐसा ही कुछ हुआ है मोहित सूरी की नई रोमांटिक-थ्रिलर फिल्म सैयारा के साथ, जहाँ फिल्म के दोनों लीड एक्टर्स — जो फिल्म का चेहरा हैं — प्रमोशनल कैंपेन से लगभग गायब हैं।
18 जुलाई 2025, को जब मोहित सूरी मीडिया से रूबरू हुए, तो सबसे बड़ा सवाल यही था: आख़िर फिल्म के हीरो और हीरोइन प्रमोशन में क्यों नहीं दिख रहे? जवाब में उन्होंने वो कहा जो कई लोगों के लिए चौंकाने वाला था और कईयों के लिए कड़वा सच।
मोहित सूरी ने क्या कहा?
डायरेक्टर मोहित सूरी ने साफ़ तौर पर कहा कि, “हमने एक स्ट्रैटेजिक फैसला लिया है कि फिल्म को इसके म्यूज़िक, इमोशन और कहानी के बल पर प्रमोट किया जाए। एक्टर्स की ओवरएक्सपोजर से हम बचना चाहते थे ताकि जब लोग उन्हें परदे पर देखें, तो उन्हें फ्रेशनेस महसूस हो। इस बार कंटेंट को चेहरा बनाया गया है, न कि चेहरों को कंटेंट।”
अब ये बयान दो हिस्सों में समझने वाला है। एक तरफ़ तो ये एक बहुत ही क्रिएटिव और प्रोग्रेसिव सोच लगती है कि कंटेंट खुद बोले और कलाकारों से ज़्यादा ध्यान कहानी पर हो। लेकिन दूसरी तरफ़, कई फिल्म क्रिटिक्स और ट्रेड एनालिस्ट्स इसे एक डैमेज कंट्रोल मान रहे हैं।
क्या लीड एक्टर्स प्रमोशन लायक नहीं थे?
यह सवाल कई लोगों के मन में है। क्योंकि फिल्म में दोनों लीड न्यूकमर हैं, और फिल्म का स्केल बड़ा है। इस वजह से माना जा रहा था कि इन दोनों को प्रमोशन्स में घुमा-फिराकर दर्शकों से मिलवाया जाएगा ताकि उनकी एक छवि बने। लेकिन यहाँ उल्टा हुआ—ना प्रेस कॉन्फ्रेंस, ना टीवी शो, ना ही कोई रेड कार्पेट।
इससे यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद इन न्यूकमर्स का कैमरा प्रेज़ेंस या इंटरव्यू स्किल उस लेवल का नहीं था जिसकी उम्मीद की जा रही थी। कहीं ये डायरेक्टर की मजबूरी तो नहीं थी? क्या मोहित सूरी ने जान-बूझकर उन्हें साइडलाइन किया ताकि मीडिया में कोई विवाद ना हो?
इंडस्ट्री में क्या कह रहे हैं लोग?
फिल्म इंडस्ट्री के अंदरूनी लोगों का कहना है कि यह प्रमोशनल स्ट्रैटेजी एक जुआ भी साबित हो सकती है। जब आजकल एक्टर्स का एक इंस्टाग्राम रील भी 10 लाख लोगों तक पहुंचता है, वहां से उन्हें हटाना मतलब ऑर्गेनिक मार्केटिंग का बड़ा हिस्सा छोड़ देना। ऐसे में ‘सैयारा’ की टीम ने अपनी फिल्म को रिस्क पर डाल दिया है।
हालांकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि “मोहित सूरी ने जो स्टैंड लिया है वो तारीफ के काबिल है। इंडस्ट्री में बहुत कम लोग हैं जो सिर्फ फिल्म के म्यूज़िक और कहानी पर भरोसा करते हैं।”
प्रमोशनल पोस्टर और टीज़र में दिखी दूरी
अगर आप फिल्म के सोशल मीडिया हैंडल्स या YouTube चैनल देखें तो साफ़ नजर आता है कि ट्रेलर में दोनों एक्टर्स की इमोशनल परफॉर्मेंस ज़रूर है, लेकिन प्रमोशनल मटेरियल में वो पीछे कर दिए गए हैं। उनके नाम तक प्रोमो पोस्टर में छोटे फॉन्ट में हैं।
यह एक और इंडिकेशन है कि शायद फिल्ममेकर्स खुद एक्टर्स के कंधों पर बहुत भरोसा नहीं कर रहे। या फिर उन्होंने ये फैसला किया है कि ‘म्यूज़िक ही स्टार है’—जैसा कि फिल्म के प्रमोशनल टैगलाइन में भी लिखा गया है।
क्या इसका असर बॉक्स ऑफिस पर पड़ेगा?
बिलकुल। सैयारा का म्यूज़िक पहले ही वायरल हो चुका है और यूट्यूब पर इसके गाने मिलियन्स में चल रहे हैं। लेकिन अगर फिल्म को सिनेमाघरों में दर्शक खींचने हैं, तो चेहरे की पहचान बहुत ज़रूरी होती है। लोगों को जुड़ाव चाहिए। सिर्फ गाने सुनने के लिए लोग 200 रुपए का टिकट नहीं लेते।
अगर वाकई फिल्म दमदार है, तो वर्ड ऑफ माउथ इसे खींच सकता है। लेकिन ओपनिंग कलेक्शन पर इस रणनीति का असर साफ दिखेगा।