“Saiyaara Review: Newcomers की इस लव स्टोरी ने किया दिल पर वार, क्या आप तैयार हैं रोने के लिए?”



बॉलीवुड में अक्सर जब किसी नई फिल्म की बात होती है, तो सबसे पहले दर्शक उसकी स्टारकास्ट और बजट को लेकर उत्साहित होते हैं। लेकिन Saiyaara जैसी फिल्में हमें याद दिलाती हैं कि कहानी, इमोशन और म्यूजिक—ये भी उतने ही ज़रूरी फैक्टर होते हैं जो एक फिल्म को दिल से जोड़ते हैं। इस फिल्म में कोई बड़ा सुपरस्टार नहीं है, कोई भारी-भरकम बजट वाला सेटअप नहीं है, लेकिन फिर भी फिल्म एक खास अनुभव देती है। आइए जानते हैं कि क्यों Saiyaara को एक बार ज़रूर देखा जाना चाहिए।

नई प्रतिभाओं की दमदार शुरुआत

फिल्म Saiyaara की सबसे बड़ी खासियत है इसकी स्टारकास्ट—जो पूरी तरह न्यूकमर्स से सजी है। किसी बड़े बैनर या चेहरे के बिना, इन कलाकारों ने अपनी एक्टिंग और इमोशन से कहानी को विश्वसनीय बनाया है। फिल्म की लीड जोड़ी के बीच की केमिस्ट्री बेहद नैचुरल लगती है। ना कहीं ज़बरदस्ती का रोमांस, ना ही दिखावे वाली ड्रामेबाज़ी। यही चीज़ फिल्म को अलग बनाती है।

एक साधारण लेकिन दिल को छूने वाली लव स्टोरी

कहानी की बात करें तो Saiyaara एक सिंपल सी लव स्टोरी है जो कॉलेज रोमांस से शुरू होती है और रिश्तों की जटिलता में बदल जाती है। हालांकि स्क्रिप्ट कुछ जगहों पर प्रेडिक्टेबल लग सकती है, लेकिन इमोशनल डेप्थ इतना गहरा है कि आप उसमें डूब जाते हैं। खासकर कुछ सीन ऐसे हैं जो आज के युवाओं की भावनाओं और रिलेशनशिप डाइनेमिक्स को रियलिस्टिक रूप में दिखाते हैं।

म्यूजिक है फिल्म की जान

फिल्म के गानों की बात करें तो यह वो पहलू है जिसने Saiyaara को एक अलग पहचान दी है। टाइटल ट्रैक “Saiyaara” हो या फिर बैकग्राउंड में चलने वाले म्यूजिकल बीट्स—हर एक धुन कहानी की फीलिंग्स को और गहराई देती है। म्यूजिक डायरेक्टर ने कोई भी ट्रैक ऐसा नहीं रखा जो सिर्फ “फॉर्मेलिटी” लगे। खासकर फिल्म के क्लाइमैक्स में जो गाना चलता है, वो लंबे समय तक दिल में रह जाता है।

डायरेक्शन और सिनेमैटोग्राफी

निर्देशक ने बहुत सिंपल और साफ तरीके से कहानी को पेश किया है। कहीं कोई दिखावा नहीं है, और ना ही ओवरड्रामैटिक सीन जो दर्शकों को भावनात्मक रूप से थका दे। सिनेमैटोग्राफी भी फिल्म की लो-की थीम के साथ मेल खाती है—ना तो बहुत चमक-धमक, और ना ही ज़रूरत से ज्यादा कलर टोन। कैमरा मूवमेंट्स सटीक हैं और हर सीन की इमोशनल इन्टेंसिटी को कैप्चर करने में सक्षम हैं।

कमजोरियां जो महसूस होती हैं

जहां फिल्म की सादगी उसे खास बनाती है, वहीं यही सादगी कुछ दर्शकों को बोझिल भी लग सकती है। फिल्म का फर्स्ट हाफ थोड़ा स्लो है और अगर आप मसाला या हाई पेस ड्रामा पसंद करते हैं, तो हो सकता है कि आप थोड़ा बोर हो जाएं। साथ ही, सेकंड हाफ में कुछ सीन ऐसे हैं जो लंबे खींचे गए लगते हैं, और एडिटिंग थोड़ी और टाइट हो सकती थी।

क्यों देखनी चाहिए ये फिल्म?

अगर आप उन लोगों में हैं जो हर शुक्रवार को सिर्फ एक्शन और आइटम नंबर ढूंढते हैं, तो Saiyaara शायद आपकी पसंद ना बने। लेकिन अगर आप एक ऐसी फिल्म देखना चाहते हैं जो इमोशन से जुड़ी हो, जिसमें नए चेहरे कुछ नया देने की कोशिश कर रहे हों, और जिसका म्यूजिक लंबे समय तक याद रहे—तो Saiyaara ज़रूर देखें। यह फिल्म उन सभी को एक मौका देती है जो सिर्फ टैलेंट के दम पर बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।

निष्कर्ष

Saiyaara एक ऐसी फिल्म है जो बड़े दावों के साथ नहीं आई, लेकिन अपने कंटेंट, म्यूजिक और इमोशनल कनेक्शन के दम पर दर्शकों को कुछ अच्छा दे जाती है। इसे देखकर ये विश्वास बढ़ता है कि जब तक कहानी और भावना सच्ची हो, तब तक बड़ी स्टारकास्ट की ज़रूरत नहीं होती। यह फिल्म एक उदाहरण है कि नए कलाकार भी दर्शकों के दिलों में जगह बना सकते हैं—बस उन्हें एक मौका और सही मंच चाहिए।

रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐ (4/5)

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