लाडली बहना योजना 2025: महिलाओं को ₹3,000 प्रतिमाह देने की तैयारी, जानें पूरी जानकारी

मध्य प्रदेश की लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं को अब ₹3,000 प्रतिमाह तक की सहायता दी जाएगी। जानें योजना का पूरा विवरण, लाभ, बजट और आगामी बदलावों की जानकारी।

लाडली बहना योजना: 2028 तक भुगतान दोगुना करने की घोषणा

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में एक बड़ी घोषणा की है, जिसमें उन्होंने कहा कि लाडली बहना योजना के तहत मिलने वाली मासिक राशि को 2028 तक दोगुना कर दिया जाएगा। वर्तमान में इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने ₹1,250 की वित्तीय सहायता दी जाती है, और अब इसे बढ़ाकर ₹3,000 प्रतिमाह करने का लक्ष्य रखा गया है। यह घोषणा न केवल राज्य की महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी, बल्कि उनके आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इस लेख में हम इस योजना के बारे में विस्तार से जानेंगे, इस घोषणा के प्रभावों को समझेंगे और इसके राजनीतिक व वित्तीय पहलुओं पर भी चर्चा करेंगे।

लाडली बहना योजना क्या है?

लाडली बहना योजना मध्य प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत 21 से 60 वर्ष की आयु की उन महिलाओं को वित्तीय सहायता दी जाती है, जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय ₹2.5 लाख से कम है। यह योजना 5 मार्च, 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई थी और इसे 2023 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत का एक प्रमुख कारण माना जाता है।

वर्तमान में, इस योजना से लगभग 1.27 करोड़ महिलाएं जुड़ी हुई हैं, जिन्हें हर महीने ₹1,250 की राशि दी जाती है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करना और उनके परिवार की निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी भागीदारी को बढ़ाना है। यह योजना महिलाओं के लिए एक वरदान साबित हुई है, क्योंकि यह उन्हें अपनी जरूरतों को पूरा करने और परिवार की देखभाल करने में मदद करती है।

मुख्यमंत्री की घोषणा का विवरण

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि लाडली बहना योजना के तहत दी जाने वाली मासिक राशि को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाएगा। इस योजना के तहत पहला बदलाव आगामी दीपावली (2025) से देखने को मिलेगा, जब मासिक भुगतान को ₹1,250 से बढ़ाकर ₹1,500 कर दिया जाएगा। इसके बाद, 2026 और 2027 में भी राशि में क्रमिक वृद्धि की जाएगी, और अंततः 2028 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह राशि ₹3,000 प्रतिमाह तक पहुंच जाएगी।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “हम 2026 और 2027 में राशि को और बढ़ाएंगे, और 2028 में चुनाव से पहले इसे किसी भी कीमत पर ₹3,000 तक ले जाएंगे। यह कोई चोरी नहीं है, बल्कि हमारी प्रतिबद्धता है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह वादा भाजपा के घोषणापत्र का हिस्सा था और इसे पांच साल के भीतर पूरा किया जाएगा। इस घोषणा से यह साफ है कि सरकार महिलाओं के कल्याण के प्रति गंभीर है और इसे अपनी प्राथमिकता में रख रही है।

इस घोषणा का सबसे बड़ा प्रभाव राज्य की 1.27 करोड़ महिलाओं पर पड़ेगा, जो इस योजना की लाभार्थी हैं। मासिक राशि में वृद्धि से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, जिससे वे अपने परिवार की जरूरतों, जैसे बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य आवश्यक खर्चों को बेहतर ढंग से पूरा कर सकेंगी। ₹1,250 से ₹3,000 तक की वृद्धि एक बड़ी राहत होगी, खासकर उन महिलाओं के लिए जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहती हैं और सीमित संसाधनों पर निर्भर हैं।

इसके अलावा, सरकार ने यह भी घोषणा की है कि रक्षाबंधन जैसे विशेष अवसरों पर लाभार्थियों को अतिरिक्त ₹250 का बोनस दिया जाएगा। यह छोटी लेकिन महत्वपूर्ण सहायता महिलाओं के लिए त्योहारों को और खुशहाल बनाने में मदद करेगी। कुल मिलाकर, यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सहायक होगी।

राजनीतिक प्रभाव

लाडली बहना योजना को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 2023 के विधानसभा चुनाव में इस योजना ने भाजपा को महिलाओं का बड़ा समर्थन दिलाने में मदद की थी। अब 2028 तक राशि को ₹3,000 तक बढ़ाने की घोषणा के साथ, भाजपा एक बार फिर महिलाओं के वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। यह कदम पार्टी की उस छवि को और मजबूत करता है, जिसमें वह महिलाओं के कल्याण और सशक्तिकरण को प्राथमिकता देती है।

हालांकि, विपक्षी दल, खासकर कांग्रेस, इस योजना की आलोचना करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने चुनाव से पहले ₹3,000 प्रतिमाह देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक केवल ₹1,250 ही दिए जा रहे हैं। उन्होंने इसे महिलाओं के साथ “चोरी” करार दिया है। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वादा पांच साल में पूरा होगा और राशि को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जा रहा है। यह राजनीतिक बहस भविष्य में और तेज हो सकती है, खासकर 2028 के चुनाव के नजदीक आते हुए।

चुनौतियां और आलोचनाएं

इस घोषणा के बावजूद, योजना को लागू करने में कई चुनौतियां सामने आ सकती हैं। सबसे बड़ी चुनौती वित्तीय है। वर्तमान में, इस योजना पर हर महीने लगभग ₹1,500 करोड़ का खर्च आता है। जब राशि ₹3,000 तक पहुंचेगी, तो यह खर्च दोगुना से भी अधिक हो सकता है। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके पास पर्याप्त बजट हो ताकि योजना बिना किसी रुकावट के चलती रहे।

इसके अलावा, विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया है कि योजना से लगभग 20 लाख महिलाओं को बाहर कर दिया गया है और नए लाभार्थियों के पंजीकरण को भी बंद कर दिया गया है। यदि यह सच है, तो सरकार को लाभार्थियों की सूची को अपडेट करने और नए आवेदनों को स्वीकार करने की प्रक्रिया को तेज करना होगा। इन चुनौतियों के बावजूद, सरकार इस योजना को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई देती है।

योजना का बजट और अन्य पहल

राज्य सरकार ने लाडली बहना योजना के लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान किया है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए, इस योजना के लिए ₹18,984 करोड़ का आवंटन किया गया है, जो राशि वृद्धि और योजना के विस्तार के लिए उपयोग होगा। इसके साथ ही, सरकार ने युवाओं के लिए भी कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि फैक्ट्री में काम करने वाले युवाओं को ₹5,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

निष्कर्ष

लाडली बहना योजना मध्य प्रदेश की महिलाओं के लिए एक क्रांतिकारी कदम है, जो उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता और सम्मान प्रदान करने का प्रयास कर रही है। 2028 तक मासिक राशि को ₹3,000 तक बढ़ाने की घोषणा से लाखों महिलाओं को लाभ होगा और उनका जीवन स्तर सुधरेगा। हालांकि, सरकार को वित्तीय और प्रशासनिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, और विपक्ष की आलोचनाओं का जवाब देना होगा। फिर भी, यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक सकारात्मक और प्रेरणादायक कदम है, जो आने वाले वर्षों में राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

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